नाभी से चरम सुखानुभूती
नाभी से चरम सुखानुभूती नाभी से चरम सुख की अनुभूति प्राप्त करना युवा महिला पुरूष दोनो में सदियों से होता चला आया है । युवा अवस्था के आते ही मनुष्य सुख की अनुभूति की तलाश में रहता है ,इस प्रकार की सुखानुभूति का प्रमुख कारण हमारे शरीर में युवा अवस्था के आते ही सैक्स हार्मोस का निर्माण है । कामवासना की पूर्ति न होने पर विभिन्न प्रकार के मानसिक रोग होने लगते है । जिसके बारे में उसे स्वय नही मालुम होता । युवावस्था के आते ही युवा शारीरिक सुख की तलाश में रहता है, विरूद्ध लिंग के प्रति आकृषण एक नेचुरल प्रतिक्रिया है, परन्तु समाजिक मर्यादाओं ,तथा कानूनी प्रक्रियाओं के चलते इसे आसानी से प्राप्त नही किया जा सकता, परन्तु उसे शारीरिक सुख की मॉग तो यथावत रहती है, ऐसे में यदि उसके इस शारीरिक सुख की मॉग पूरी न हुई तो वह विभिन्न प्रकार के उपक्रमों का सहारा लेता है जैसे स्वाप्रेम जिसमें युवा स्वंय अपने ही शरीर के अंगों से प्यार करता है, उसे सहलाता है विरूद्ध लिंग के शारीरिक अंगों की कल्पना करता है, यहॉ तक कि उसी प्रकार के कपडे पहन कर अपने अंगों को निहारता है, फिर अंतिम