महिलावो मे सुंदर गहरी नाभि का मह्त्व

                       

महिलवो के सुंदर् मे गहरी नाभि का मह्त्व 

युवा महिलो मे गहरी नाभि का मह्त्व बडा है आज कल  नाभि र्दशना वस्र्तो के पहनने के करण नाभि का गहरा होने के साथ आकार मे कुछ चोडा होना आवश्यक है सकरी छोटी नाभि देखने मे खराब दिखती है । ब्युटी क्लिनीक एव नीशेप पार्लर मे इस प्रकार की नाभि को गहरा अकृषक बनाया जाता है । नाभी को गहरा सुन्दर बनाने के लिये नेवल स्प्रिग , नेवल कार्क का प्रयोग होने लगा है ,इसका प्रयोग महिलाये जब कभी पार्टी ,शादी,या किसी फगशन आदि मे जाती है एव उन्हे नाभि र्दशना वस्त्र पहनना होता है,उस समय वे नेवल स्प्रिग  या नेवल कार्क को नाभि मे लगा लेती है । नेवल स्प्रिग को नाभि मे लगाने से वह दिखलाई नही देता नाभि पहले की अपेझा गहरी गोल सुन्दर दिखने लगती है । नेवल स्प्रिग नाभि मे लगाना असान है इसे कोई भी लगा सकता है ।

इसकी जानकारीआपको इस साईड पर मिलेगी या कमेन्ट कालम मे आप अपनी समस्या लिखे आप की समस्या का उचित समाधान किया जायेगा ।आप चाहे तोआप के मेल परभी जानकारी भेजी जा सकती है ।


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  सौर्न्‍द्वय में नाभी का आकृषण
    स्त्रीयों के सौर्न्‍द्वय में नाभी का आकृषण %स्त्रीयों के सौर्न्‍द्वय मेंa उसके अंगोंं की बनावट एंव उसके आकार प्रकार का विशेष महत्‍व है । स्‍त्रीयों के शरीर उसके अंगों की बनावट एंव उसके आकार प्रकार का विशेष महत्‍व है । स्‍त्रीयों  के शरीर की बनावट में सम्‍पूर्ण स्‍त्रीत्‍व जिसमें उनके उन्‍नत उरोज पुष्‍ट नितम्‍ब पतली कमर उदर पर क्षील सी गहरी नाभी की मान्‍यतायें समय समय पर वि‍भिन्‍न सौर्न्‍द्वय शास्‍त्रीयों ने दी है । समय की मॉग व विभिन्‍न प्रकार के सौर्न्‍द्वय प्रतियोगताओं में यह मॉग वा मान्‍यताये बदलती रही है । पहले जहॉ सौर्न्‍द्वय की मान्‍यता दुबली पतली स्‍त्रीयॉ थी वही अब यह मान्‍यात बदल गयी है एक सम्‍पूर्ण  देह आकार की स्‍त्री जिसके पुष्‍ठ नितम्‍ब प्रदेश हो उन्‍नत उरोज उस पर समतल उदर याने पेट पर गहरी गोल आकार में कुछ चौडे वृत की नाभी हो एंव जिसके शरीर को देखने से सम्‍पूर्ण स्‍त्रीत्‍व झलकता हो शरीर के आकार प्रकार पूर्णा कार के हो जिसे देखते ही एक कोमलता का अहसास हो वही सम्‍पूर्ण स्‍त्रीय कही जा सकती है  कहने का अर्थ है कि इसके विपरीत इस प्रकार की स्‍त्री को पूर्ण स्‍त्री नही कही जा सकती है जैसे दुबली पतली स्‍त्री जिसके न तो उन्‍नत व पुष्‍ठ नितम्‍ब है एकदम दुबली पतली पेट पर मॉस हो ही नही नाभी डण्‍टल की तरह से उपर को निकली हुई या फिर छोटी सपाट मुरझाई हुई हो s या नाभि का सतह पर होना जख्‍म की तरह से दिखना आदि जिसे देखने से धिन आती हो । उपराक्‍त प्रकार के शरीर में आकृषण नही होता । इसके विपरीत यदि स्‍त्रीs का शरीर एकदम मोटा हो तो भी वह आकृष्‍क नही होगा । अधिक मोटी स्‍त्रीयों के शरीर से स्‍त्रीत्‍व नही झलकता ऐसी औरते अपनी वास्‍तविक उम्र से अधिक उम्र की दिखती है । 
  स्‍त्रीयो में गहरी गोल नाभी की मान्‍यतायें सदियों से चली आई है । समय समय पर नाभी के आकार प्रकार उसकी बनावट एंव उसकी गहराई के हिसाब से भी सौर्न्‍द्वय मान्‍यताओं का आकलन किया जाता रहा है । प्राचीन काल में नृत्‍यागंनाओं में गहरी नाभी का विशेष महत्‍व था । गहरी नाभी की नृत्‍यांगनाओं द्वारा पेट की नृत्‍य मुद्र का प्रयोग पुरूष वर्ग को सम्‍मोहित करने मे किया जाता रहा । यह कार्य नृत्‍यागना द्वारा अपनी श्‍वास को नाभी से खीच कर नाभी को गहरी एंव पेट की झील की तरह से गहरा दिखलाने का प्रयास करती है जिससे पुरूष वर्ग सम्‍मोहित हो जाता था ।नाभी सौर्न्‍द्वय की मान्‍यतायें समय समय पर प्रचलित रही कुछ कबीलाई समुदायो में तो स्‍त्रीयों के गहरी नाभी की मान्‍यताये रही है उनका मानना है कि गहरी नाभी की स्‍त्रीयॉ भाग्‍यवान होती है । वही उपर को डण्‍टल की तरह उठी हुई नाभी की स्‍त्रीयोंं को अशुभ माना जाता है । डण्‍टल की तरह उपर को उठी नाभी की स्‍त्रीयॉ धर का विनाश करती है । प्राचीन काल में राजा महराजाओं द्वारा दुश्‍मन के राज को जानने या किसी दुश्‍मन को परास्‍त करने के लिये गणिकाओं का प्रयोग किया जाता था इन गणिकाओं में गहरी नाभी में एंव नाभी स्‍थल अर्थात पेट का झील की तरह से होना आवश्‍यक था । इस लिये ऐसी महिलाये अपनी नाभी को विभिन्‍न प्रकार के प्रयोगों से गहरा गोल आकृषक बनाती थी नाभी के साथ ही वे अपने पेट को झील की तरह से बनाने हेतु विभिन्‍न प्रकार के प्रचलित प्रयोगो का सहारा लेती थी ।नाभी को गोल आकृषक बानने की कई विधियाॅॅ प्रचलन में थी जिसमें कम गहरी नाभि को किसी ठोस बस्‍तु के प्रयोग से गहरा एंव आकार में चौडा किया जाता था इसी प्रकार पेट के आस पास याने नाभी प्रदेश के पास के मसल्‍स को मुलायम एंव एंव नाभी से उपर की तरफ उठाने हेतु कपिंग आदि विधियों का प्रयोग किया जाता रहा है ।  गणिकाओं में केवल नाभी का गहरा होना ही नही बल्‍की नाभी का अत्‍याधिक गहरा होना विशेष महत्‍व रखता था । कहॉ जाता  है कि नाभी जितनी गहरी होगी स्‍त्रीय उनती ही आकृषक होगी उसमें सम्‍पूर्ण स्‍त्रीत्‍व झलकेगा उसके शरीर के स्‍त्रीय सुलभ अंगों के उतार चढाव इस प्रकार से होगे कि देखते ही एक कोमलांगनी का अहसास करा देगे । सम्‍पूर्ण स्‍त्रीत्‍व के झलक उसके शरीर के आकार प्रकार के उतार चढाओं के आकृषण की एक झलक के लिये पुरूष सब कुछ लूटाने को तैयार हो जायेगा एेसा आकृषण होता है गहरी नाभी में । आज के फैशनेबिल युग में जहॉ नाभी र्दशना वस्‍त्रों के पहनने का प्रचलन युवा महिलाओं में बढा है नाभी र्दशना वस्त्रो के पहनने के कारण नाभी को गहरा गोल आकृषक बनाने तथा पेट के मसल्‍स को कम कर नाभी के चारो तरु झील सा बनाने हेतु नीशेप क्‍लीनिक का महत्‍व बढा है वही कमर व पेट को आकृषक आकार प्रदान करने हेतु नीशेप क्‍लीनिक की उपयोगिता बढी है । नीशेप क्‍लीनिक या नीशेप पार्लर व्‍यवसाये में पूॅजी निवेश कम होने के साथ इसमें आय अधिक है ।जैसा कि सर्वविदित है कि महिलाओं में सुन्‍दरता का अधिक महत्‍व होता है हर स्‍त्रीयॉ सुन्‍दर से सुन्‍दर दिखना चाहती है । सुन्‍दरता उनके विवाह में भी काम आता है । स्‍त्रीयों के नाक नक्‍शे कितने भी सुन्‍दर क्‍यो न हो अगर उसकी कमर अधिक चौडी हो या पेट बढा हुआ हो तो उसकी सारी सुन्‍दरता जाती रहती है 
 Sवही यदि उसके पेट पर मसल्‍स कम हो चिपका पेट हो पेट पर नाभी गहरी न होकर किसी धॉव की तरह से या फिर डण्‍ठल की तरह से निकली हुई नाभी हो तो उस स्‍त्रीय का स्‍म्‍पूर्ण सौर्न्‍द्वय जाता रहता है एेसी स्‍त्रीयों को पुरूष वर्ग पसन्‍द नही करते । इस प्रकार की समस्‍याओं का निदान आसानी से बिना किसी दबाईयो के प्राकृतिक तरीके से किया जाता है साथ ही यह उपचार प्‍लास्टिक सर्जरी की तरह से खचीला भी नही है । नी शेप क्‍लीनिक या पार्लर का उपचार सामान्‍य से सामान्‍य तथा मध्‍यम वर्गो तक की पहुॅच में है । नीशेप उपचार को महिलाये आसानी से सीख सकती है ऐस इसे अपने आय का साधन बना सकती है नीशेप उपचार का प्रशिक्षण एक दो दिन मे सीखा जा सकता है । चूॅकि अभी नीशेप की सुविधाये हमारे देश में केवल महानगरों तक ही सीमित है । इसके जानकारों का अभी वर्तमान में व्‍याप्‍त अभाव है इसलिये इस व्‍यवसाय को प्रारम्‍भ करते ही इसका नेट वर्क अपने आप बिना किसी प्रचार प्रसार के बनने लगता है तथा इस कार्य में मुॅह मॉगा परिश्रमिक मिलता है । इसलिये इस व्‍यवसाय को अभी फलने फूलने का अच्‍छा मौका है साथ ही इसके अत्‍याधिक आशानुरूप परिणामों की वजह से ग्राहक अपने आप खीचे चलेे आतेे है । आप अपने बचे हुऐ समय में भी अपने सीमित संसाधनों से बिना किसी कर्ज के इस व्‍यवसाय को अपने घरों से ही प्रारम्‍भ कर सकते है । इसे सीखना कोई कठिन कार्य नही है हम कुछ संस्‍थाओं एंव कुछ साईड के नाम्‍ा बतला रहे है आप उनसे घर बैठे सम्‍पर्क कर इसकी जानकारी व साहित्‍य मॅगाकर इसका अध्‍ययन घर पर ही कर सकते है ।दा एक्‍युपंचर डब्‍लपमेंन्‍ट एण्‍ड रिसर्च मिशन । यह मेल के माध्‍यम से निशुल्‍क प्रशिक्षण सामग्री मेल से भेजता है साथ ही इसकी परिक्षाये भी मेंल से ही होती है घर पर पूरी तैयारी करने के बाद जब कभी इसके निशुल्‍क कैम्‍प आप के शहर के आस पास जहॉ कही भी आयोजित किये जाते है उसमें अपनी सुविधा अनुसार भाग लेकर इसका प्रशिक्षण प्राप्‍त किया जा सकता है ।   battely2@gmail.com
कुछ और भी साईड है जो ब्‍यूटी पार्लस एंव ब्‍यूटी क्‍लीनिक आदि का निशुल्‍क जानकारी व प्रशक्षिण देती है ।battely2.blogspot.com
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नाभी को गहरा आकृषक बनाने हेतु नेवेल स्प्रिंग नेवेल कार्क का प्रयोग किया जाता है जो आसानी से उपलब्‍ध हो जाती है एंव इनका मूल्‍य भी अत्‍यन्‍त कम है । 

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  1. We-are(fan-for-deepnavel) RammooratYadav (sexLikers) 6376636968/

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